Menu
blogid : 1876 postid : 962

आखिर जागरण मंच की एकता काम आ ही गई (लेख)

मुझे भी कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
  • 46 Posts
  • 1272 Comments

कल का दिन हमारी जिंदगी में एक अलग सा अनुभव लेकर आया…कल जब हमने अपनी पोस्ट पर आई प्रतिक्रियाओं का जवाब देने जागरण मंच का द्वार खोला ही था कि हमारी नजर सीमा जी कि प्रतिक्रिया पर पड़ी….उसे पढ़कर एक पल तो लगा मानो हमारी सांस ही ना रुक गई हो, बात ही कुछ ऐसी थी….सीमा जी ने हमें बताया कि किसी चोर ने हमारी एक रचना चुरा ली और उसे अपने ब्लॉग पर अपने नाम से ज्यों का त्यों पोस्ट कर दी है ….. उन्होंने ब्लॉग का लिंक भी दिया था….

उस लिंक पर क्लिक करते ही हमें लगा मानो हमारी कोई बहुमूल्य चीज गुम हो गई हो… वहां हमने अपनी रचना किसी और के नाम से पोस्ट की हुई देखी…. एक लेखक के लिए उसकी रचना का मोल क्या होता है ये तो सभी ब्लोगर जानते ही हैं…. रचना एक बच्चे की तरह होती है, जिसे हम अपने विचारों से सींच कर पालते-पोसते है और बड़ा करते हैं और जैसे ही ये परिपक्व हो जाती है, उसे इस समाज रूपी मंच पर जीवन की जंग लड़ने भेज देते हैं….अब अगर कोई हमारे बच्चे का अपहरण कर ले तो कैसा लगेगा, ठीक वैसा ही लग रहा था हमें……

हमने और सीमा जी ने उस चोर के ब्लॉग पर कमेन्ट लिखकर उससे कहा भी कि वो हमारी पोस्ट वहां से हटा लें…. पर उसने पोस्ट तो नहीं हटाई, हाँ हमारी कमेंट्स जरुर हटा दी, डिलीट कर दी वहां से….. हमने मेल भी किया पर कोई जवाब नहीं आया…

ये सब देखकर मन बहुत ही बेचैन हो गया था…किसी काम में मन नहीं लग रहा था…इस मंच पर शायद कम लोगो को ही पता होगा कि हमारे घर में किसी को भी नहीं पता है कि हम ब्लॉग लिखते हैं…. और इस मुश्किल की घड़ी में हम काफी परेशान हो गए थे, किसी से कुछ कह भी नहीं पा रहे थे…आखिर रहा नहीं गया तो हमने खोला अपना लैपटॉप और मदद की गुहार लगा दी इस मंच पर….

और जैसा कि हमें उम्मीद ही नहीं, पूरा विश्वास था कि हमें मदद जरुर मिलेगी, हमें मदद मिली भी…. और इतना अच्छा सहयोग मिला कि हमारा दुःख यूँ ही आधा हो गया…सभी ने अपने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए…कई लोगों ने उस ब्लॉग पर जाकर उस चोर को लताड़ा भी और कईयों ने मेल पर उसे धमकाया भी….. और ये जंग आधी रात तक यूँ ही चलती रही….. और आखिर में हम सब की एकता की ताकत के आगे बुराई हार ही गई, अरे भाई उस चोर ने आधी रात के बाद अपने ब्लॉग से इस मंच की रचनाएँ हटा ली… तो अब हम खुश हैं और आप सभी भी खुश हो जाइये…..

आखिर जागरण मंच की एकता काम आ ही गई…. आप लोगों को ये जानकर ख़ुशी भी होगी कि उस चोर ने चोरी की तीन रचनाओं में से सिर्फ जागरण मंच की रचनाएँ ही हटाई है, जबकि किसी और ब्लॉग की रचना अभी भी वहां हैं…… जिससे ये भी साबित हो ही गया कि ये अपना जागरण जंक्शन परिवार कमजोर नहीं है….. इस मंच पर यहीं बात तो सबसे अच्छी लगती है कि एक प्रतियोगिता में भाग लेते समय लोग वैसे तो एक दुसरे के प्रतिद्वंदी बन जाते हैं, पर जरुरत में हर कोई साथ होता है….और किसी एक का दुःख सबका होता है….ये मंच एक परिवार ही है….और भगवान से यहीं प्रार्थना है कि सभी के बीच ये स्नेह हमेशा बनाये रखे…

हम आप सभी के बहुत ही शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने हमारी परेशानी को अपनी परेशानी समझ कर साथ दिया और तब तक लड़ते रहे, जब तक कि बुराई हार ना जाये… सबसे पहले हम सीमा सचदेव जी का शुक्रिया अदा करना चाहेंगे, जिन्होंने एक जागरूक ब्लोगर का फ़र्ज़ निभाया….. अगर वो नहीं बताती तो शायद हमें पता भी नहीं चलता इस चोरी के बारे में …… हम चातक जी, राजकमल जी, चाचाजी, निखिल सिंह जी, अजय जी, निखिल झा जी, संतोष जी, आशुतोष जी, दीपक जी तथा अन्य सभी लोगों के तहे-दिल से शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हमारी समस्या के बारे में सोचा और अंत तक लगे रहे, जब तक कि सफलता नहीं मिल गई….

आज तो हम सभी ने अपनी एकता के बल पर ये जंग जीत ही ली…..पर हम सभी को अभी कुछ काम और करने होंगे….हमें इस समस्या का कोई ठोस उपाय सोचना पड़ेगा ताकि भविष्य में इस मंच पर किसी के भी साथ इस घटना की पुनरावृत्ति ना हो और ये समस्या जड़ से ही ख़त्म हो जाये…. तो चलिए मिलजुल कर कुछ सोचे…

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to rajkamalCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh