भारत में जब भी खेल की बात आती है तो लोगों की जुबान पर सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट का ही नाम होता है… क्या भारत में क्रिकेट को छोड़कर अन्य कोई खेल नहीं हैं या क्रिकेटरों को छोड़कर अन्य कोई खिलाडी नहीं हैं…. जब भी क्रिकेट का कोई भी टूर्नामेंट होता है मीडिया में और जनता में बस उसी की ही बात होती है… जीत गए तो जय-जयकार….. और हार गए तो भी क्यूँ हारे, कैसे हारे की समीक्षा….. और अन्य खेलों में चाहे आप विश्व रिकार्ड बना लें, आपको कोई पूछेगा भी नहीं….. पर क्या इस तरह का भेदभाव सही है….
ये एक बहुत बड़ी बहस का मुद्दा है….. पर आज मै यहाँ इस बहस को आगे ना बढाकर, भारतीय खेल जगत की एक बहुत बड़ी उपलब्धि और एक बहुत बड़े खिलाडी की बात करना चाहूंगी…..भारतीय खेल जगत से आजकल एक बहुत ही बड़ी खबर आई है… पर जैसा की हमेशा होता है, ये खबर छोटी सी जगह में सिमट कर रह गई और ज्यादातर लोगों ने इतनी बड़ी उपलब्धि को नजरंदाज कर दिया गया…… तो चलिए क्यों ना हम आज इस उभरते खिलाडी की गौरव गाथा को जानें और उन्हें भी सम्मान दें ….
ये बड़ी उपलब्धि हमें दी है भारतीय बैडमिंटन का भविष्य साइना नेहवाल ने… दो दिन पहले ही साइना नेहवाल ने चीन की जू यिंग तेई को हराकर सिंगापुर ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का ख़िताब अपने नाम कर लिया… यह साइना नेहवाल का दूसरा सुपर सीरिज़ ख़िताब है…. इससे पहले भी जून 2009 में साइना ने दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी चीन की लिन वांग को मात देकर इंडोनेशियन ओपन का ख़िताब जीता था….
विश्व बैडमिंटन में जहाँ चीनी खिलाडियों का दबदबा है, साइना ने इस ख़िताब को हासिल करने के लिए दो चीनी खिलाड़ियों को हराया….. गौरतलब है कि साइना ने इस टूर्नामेंट के सेमी फ़ाइनल में विश्व चैंपियन और चौथीं वरीयता प्राप्त लू लान को हराकर और फ़ाइनल में चीन की जू यिंग तेई को हराकर ख़िताब अपने नाम किया….
उपलब्धियां और भी हैं
साइना विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाली प्रथम भारतीय हैं.
साइना ऑलंपिक में एकल क्वाटर र्फाइनल में पहुंचने वाली प्रथम भारतीय महिला हैं.
भारत की ऐसी पहली महिला बैटमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार दो सुपर सीरीज़ जीते हैं. उन्होंने पिछले सप्ताह ही चेन्नई में इंडियन ओपन ग्रेंड पिक्स ख़िताब जीता था.
विश्व स्तर पर साइना नेहवाल छठवीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी है
वर्ष 2008 और 2009 साइना के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा, इन दो सालों में साइना ने कामयाबियों के कई ऊँचे शिखर चूमे… साइना ने वर्ष 2008 में जहाँ चाइनीज़ ताईपी ग्रेंड पिक्स गोल्ड टूर्नामेंट जीता, वहीँ पेइचिंग ओलिंपिक के क्वॉर्टर फाइनल में जगह भी बनाई…. वर्ष 2009 में साइना ने हैदराबाद में वर्ल्ड बैडमिंटन के अंतिम आठ में तो जगह बनाई ही , साल का समापन सैयद मोदी ग्रेंड पिक्स बैडमिंटन में महिला सिंगल्स खिताब जीत कर किया… साइना ने सिंगापुर ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का ख़िताब अपने नाम कर 2010 की अच्छी शुरुआत भी कर दी है….
अब उम्मीद है कि 2010 में साइना और भी अच्छा प्रदर्शन करेंगी…. वे अगले सप्ताह फिर से इंडोनेशिया ओपन खेलने जा रही हैं…. साथ ही 2010 में नई दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और चीन में होने वाले एशियन गेम्स में बैडमिंटन में साइना भारत की सबसे बड़ी मेडल उम्मीद होंगी….. चलिए हम सब भी भगवान से उनकी कामयाबी की दुआ मांगे और उम्मीद करें कि साइना इस साल फिर से भारतीय बैडमिंटन में कामयाबी की कई और नई गौरव गाथा लिखे….
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