मुझे भी कुछ कहना है
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यादों में जब तुम आती हो
रुनझुन पायल छनकाती हो
खुशियों का मन गूंजे नगमा
हाथों कंगना खनकाती हो
याद जो आये घड़ी मिलन की
मेहंदी रंग सजाती हो
आहिस्ता आगोश में भरकर
चुनरी में शरमाती हो
स्याह, अँधेरी, धुंध अमावस
बिंदिया सी चमकाती हो
दिल के बंजर सूनेपन में
काजल बन बह जाती हो
ज़िक्र जो आये नूर का तेरे
लाली सी छा जाती हो
भीड़ भरी इस तन्हाई में
आँचल बन लहराती हो
अक्सर याद बहुत तुम आती हो
मीठा सा दर्द जगाती हो
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